राकेश के लाल कोठी से निकलते ही गली मेँ खेल रहे बच्चे और गपशप करती महिलाएं रास्ता छोड़ कर एक किनारे खड़े हो जाते थे। राजेश 28 वर्ष का स्वस्थ एवं सुंदर युवक था। किन्तु वह बड़ा गंभीर दिखाई पड़ता । अड़ोस पड़ोस मेँ लोग भी उससे बात नहीं करते थे । न वह किसी से बोलता था। वह एक रहस्यमय और गूढ़ चरित्र था। शहर मेँ कोई बड़ी बारदात होती तो दबी जुबान मेँ लोग उसका हाथ होने की शंका व्यक्त करने लगते थे।