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दिल्ली रोड पर एक हादसा


Published by: Vinkal Words

Marketed by: Rajiv Seth

Category: Literature & Literary Studies

ISBN: 978-81-993061-7-2

Language: Hindi

Tags:

Rs 99.00

दिल्ली रोड पे एक हादसा" समाज, परिवार निजी संबंधों एवं राजनीति में शक्ति संघटकों की चुप , सघन उपस्थिति का भान कराती सशक्त नाट्य कृति है। एक तरफ़ महारानी, बड़ा बेटा, छोटा बेटा प्रताप , द्वारकी का पति मम्मन,डाक्टर तांत्रिक इत्यादि चरित्र खड़े किए गए हैं जो पूंजी, सत्ता शक्ति और स्थापति के प्रतीक यां अंग हैं तो दूसरी तरफ़ महाराजा,सीमा, द्वारकी, राणा, रूपा मुनीम के चरित्र हैं जो सदाचारी, जीवनमयी मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। नाटककार पात्र चित्रण एवं स्थितियों के दक्ष सुमेल  से कल्याणकारी एवं विध्वंसकारी जीवन मूल्यों की एक बाइनरी कायम करता हुआ उनके सतत टकराव से एक दिलचस्प नाट्य  अनुभव का सृजन करता  चला जाता है। 

नाटककार पाली भूपेंद्र अपने नाटकों में शब्दभेदी बाण चलाने वाले सिद्धहस्त नाटककार के रूप में विख्यात हैं, और "दिल्ली रोड एक हादसा" के संवाद भी बार बार "वेटिंग फॉर गोदो" जैसे सादा पर सारगर्भित एवं बहुअर्थपूर्ण संवादों की याद दिलाते हैं। नाटक में द्वारकी मम्मन एवं सीमा द्वारकी के आपसी संवादों में , जैसे द्वारका का ये कहना कि कोई ओट नहीं पुरुष कब जा और जहां जा गुस्सा, कहां निकाल रहा है, और मम्मन का मनोवैज्ञानिक द्वंद एवं प्रतिकार जिसकी बीवी रात बाहर बलात्कार का शिकार हुई है,स्त्री एवं पुरुष मनोविज्ञान के विभिन्न छुपे आयामों को दर्शाते संवाद हैं , जो  नाटककार की पैनी मनोवैज्ञानिक दृष्टि का प्रमाण हैं।

नाटक का अंत, अपने आप में निराशा का पुट लिए हुए है,लेकिन थोड़ा  गहरा सोचें तो इस नाटक की कहानी और उसके चरित्रों की यही सहज परिणीति हो सकती है।

Quantity

Digital Book (Quantity: 1)
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Rajiv Seth